महासुदर्शन काढ़ा के दमदार फायदे | Mahasudarshan Kadha Ke Damdaar Fayde Hindi Mei
आजकल की बिजी लाइफ स्टाइल और खान-पान का असर सीधे सीधे तौर पर शरीर पर होता है। शरीर में बाहर के केमिकल्स की वजह से नई नई तरह की परेशानियां पैदा हो रही है। ऐसे में शरीर का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। महासुदर्शन काढ़ा एक आयुर्वेदिक दवाई है जो केमिकल से फ्री है। इसलिए शरीर की कुछ समस्याओं के लिए इसका उपयोग करना पूरी तरह से सुरक्षित है। आज हम इस लेख में महासुदर्शन काढ़ा के फायदे, नुकसान और इसकी अन्य जानकारियां आपको बताएंगे।


महासुदर्शन काढ़ा क्या है –
महासुदर्शन काढ़ा एक प्रकार का आयुर्वेदिक काढ़ा है, जिसे कई प्रकार की जड़ी बूटियों और औषधियों से मिल कर बनाया गया है। इसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है। किन्तु जिस तरह बुखार आने पर हम बिना डॉक्टर की सलाह पर खुद से ही पेरासिटामोल खा लेते हैं उसी प्रकार यह काढ़ा एक ऐसी आयुर्वेदिक दवाई है जिसका उपयोग आप हलके बुखार, खांसी या बदन दर्द में खुद ही कर सकते हैं। कई आयुर्वेदिक दवाइयों की कंपनियां जैसे डाबर, वैद्यनाथ और सांडू आदि महासुदर्शन काढ़े का निर्माण करती हैं।
महासुदर्शन काढ़े के घटक –
महासुदर्शन काढ़ा कई तरह की आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से मिल कर तैयार किया हुआ काढ़ा है। इस काढ़े में हरड़, बहेड़ा, आंवला, हल्दी, दारूहल्दी, छोटी कटेरी, बड़ी कटेरी, कचूर, सोंठ, काली मिर्च, पीपल, पीपला मूल, मूर्वा, गिलोय, धमासा, कुटकी, पित्तपापड़ा, नागरमोथा, त्रायमाणा, खस खस, अजवाइन, इंद्रजव, भारंगी, सहजन बीज, फिटकरी, बच, दालचीनी, कमल के फूल, उशीर, सफेद चंदन, अतीस, बलामूल, शालपर्णी, वायविडंग, तगर, चित्रक मूल छाल, देवदारू, चव्य, पटोल पत्र, कालमेघ, करंज की मींगी, लौंग, वंशलोचन, कांकोली, तेजपात, जावित्री, तालीसपत्र, चिरायता, गुड़, धाय का फूल जैसी जड़ी बूटियां शामिल होती है। इतनी सारी जड़ी बूटियां होने के कारण ही यह काढ़ा आपके शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाता है।
महासुदर्शन काढ़ा के फायदे –
1. बुखार में –
हलके और मौसमी बुखार को ठीक करने के लिए महासुदर्शन काढ़ा बेहद सहायक होता है। इसमें मौजूद तुलसी, गिलोय, सौंठ, काली मिर्च, अदरक जैसी प्राकृतिक जड़ी बूटियां बुखार को कम करने में मदद करती है इसके साथ ही इम्युनिटी सिस्टम को भी अच्छा करने में काफी कारगर होती है, जिससे शरीर को बुखार से लड़ने में मदद मिलती है। महासुदर्शन काढ़े का सेवन 2 से 3 बार करने पर ही बुखार की समस्या में काफी हद तक आराम मिल जाता है।
2. सर्दी जुकाम में –
महासुदर्शन काढ़ा ना केवल बुखार बल्कि सर्दी जुकाम को ठीक करने में भी कारगर होता है। जैसा कि नाम से ही जाहिर है काढ़ा यानी यह पारम्परिक रुप से सर्दी जुकाम को कम करने में सक्षम है। यह इम्युनिटी को बढ़ता है जिससे सर्दी जुकाम जैसी समस्या कम ही होती है, लेकिन यदि आपको जुकाम हो गया है तो इसका सेवन करने से यह जल्दी ठीक हो जाता है। इसमें तुलसी, हल्दी, काली मिर्च, सौंठ आदि जड़ी बूटियां होती है जो सर्दी जुकाम की समस्या में काफी फायदेमंद होती है।
3. भूख बढ़ाने के लिए –
यदि आपको भूख नहीं लगती है और हर समय पेट भरा भरा महसूस होता है या फिर बुखार की वजह से कुछ खाने का मन नहीं करता और मुंह कड़वा कड़वा लगता है, तो महासुदर्शन काढ़ा आपकी इन सभी परेशानियों को ठीक कर सकता हैं। इस काढ़े का सेवन करने से मुंह का कड़वा स्वाद ठीक हो सकता है। इसके साथ ही खाने पीने की रुचि वापस बढ़ सकती है।
4. पाचन क्रिया में –
महासुदर्शन काढ़े में ऐसी कई जड़ी बूटियां मौजूद है जो पाचन क्रिया को बेहतर करने में मदद करती है जैसे अजवाइन, तुलसी, अदरक, धनिया, जीरा, पिप्पली, आंवला, इलायची, लौंग इत्यादि। इसलिए इस काढ़े का नियमित सेवन करने से पाचन क्रिया अच्छी होती है और खाना अच्छे तरह से पच जाता है। इसी वजह से यह भूख बढ़ाने में भी सहायक होता है और पाचन से जुड़ी अन्य समस्या जैसे गैस, एसिडिटी आदि को ठीक करने में भी सक्षम होता है।
महासुदर्शन काढ़े के अन्य फायदे –
- महासुदर्शन काढ़ा खून साफ़ करने में भी मदद करता है।
- नियमित रुप से इस काढ़े का सेवन करने से इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होता है।
- महासुदर्शन काढ़ा बदन दर्द ठीक करने में भी कारगर होता है।
- यह काढ़ा कमजोरी को दूर करने में कारगर है।
- बुखार की वजह से हुए कड़वे मुंह को ठीक करने में भी यह काढ़ा कारगर है।
महासुदर्शन काढ़ा के नुकसान –
- अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से समस्या हो सकती है।
- गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को महासुदर्शन काढ़े का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
महासुदर्शन काढ़ा सेवन विधि –
महासुदर्शन काढ़े को खाने के बाद लिया जाता है। आप इसे सुबह शाम खाने के बाद ले सकते हैं। खाना खाने के थोड़ी देर बाद 3 से 6 टीस्पून काढ़े को इतनी ही मात्रा के गुनगुने पानी में एक गिलास में मिला लें और इसका सेवन करें। काढ़े का सेवन समस्या के ठीक हो जाने तक कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आयुर्वेदिक चिकित्स्क से सलाह लें।
महासुदर्शन काढ़ा के प्राइज एवं कहा से खरीदें –
महासुदर्शन काढ़ा कई आयुर्वेदिक दवाइयों की कंपनियां जैसे डाबर, वैद्यनाथ और सांडू आदि द्वारा बनाया जाता है, इस वजह से इसकी कीमत में बदलाव हो सकता है किन्तु यह किफायती दाम में मिल जाता है। आम तौर पर 450 ml काढ़े की कीमत 180/- से 250/- रुपए के बीच होती है। यह आसानी से किसी भी जनरल मेडिकल स्टोर पर मिल जाता है। इसे ऑनलाइन भी ख़रीदा जा सकता है।
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महासुदर्शन काढ़े से जुड़े पूछे गए कुछ महत्वपूर्ण सवाल –
महासुदर्शन काढ़ा के क्या फायदे हैं?
महासुदर्शन काढ़ा बुखार, सर्दी जुकाम और बदन दर्द को दूर करने में कारगर है, इसके अलावा भी इसके कई अन्य फायदे हैं, जो ऊपर इस लेख में दिए गए हैं।
महासुदर्शन काढ़ा कैसे पीना चाहिए?
महासुदर्शन काढ़े को सुबह शाम खाने के बाद ले सकते हैं। खाना खाने के थोड़ी देर बाद 3 से 6 टीस्पून काढ़े को इतनी ही मात्रा के गुनगुने पानी में एक गिलास में मिला लें और इसका सेवन करें।
महासुदर्शन काढ़ा क्या है?
महासुदर्शन काढ़ा एक प्रकार का आयुर्वेदिक काढ़ा है, जिसे कई प्रकार की जड़ी बूटियों और औषधियों से मिल कर बनाया गया है। इसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है।
महासुदर्शन काढ़ा में क्या क्या मिला होता है?
महासुदर्शन काढ़े में आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां जैसे हरड़, बहेड़ा, आंवला, हल्दी, दारूहल्दी, छोटी कटेरी, बड़ी कटेरी, कचूर, सोंठ, काली मिर्च, पीपल, पीपला मूल, मूर्वा, गिलोय, धमासा, कुटकी, पित्तपापड़ा, नागरमोथा, त्रायमाणा, खस खस, अजवाइन, इंद्रजव, भारंगी, सहजन बीज, फिटकरी, बच, दालचीनी, कमल के फूल, उशीर, सफेद चंदन, अतीस, बलामूल, शालपर्णी, वायविडंग, तगर, चित्रक मूल छाल, देवदारू, चव्य, पटोल पत्र, कालमेघ, करंज की मींगी, लौंग, वंशलोचन, कांकोली, तेजपात, जावित्री, तालीसपत्र, चिरायता, गुड़, धाय का फूल आदि मिली होती है।
निष्कर्ष –
उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा और महासुदर्शन काढ़े से जुड़ी हर जानकारी जैसे इसके फायदे, नुकसान और सेवन करने की विधि आपको मिल पायी होगी। यदि फिर भी आपको कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं।
ज़रूरी सूचना – इस लेख में सारी जानकारी तथ्यों के आधार पर दी गयी है, अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श ले। यह पेज इस जानकारी के लिए किसी भी ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।