हरड़ के फायदे और नुकसान | Harad ke fayde aur nuksan hindi mei
हरड़ जिसको हरीतकी भी कहते हैं, आयुर्वेदिक इलाज में इसे बहुत ही महत्वपूर्ण औषधी माना जाता है। यह एक वृक्ष का फल है। हरड़ का वैज्ञानिक नाम टर्मिनेलिया चेब्यूला (Terminalia chebula) है। भारत में बंगाल, असम और हिमाचल में यह मुख्य रूप से पायी जाती है। हरड़ के कई फायदे हैं। हर औषधि की तरह यदि इसके फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी है। आज हम इसी विषय पर बात करेंगे कि हरड़ के फायदे और नुकसान क्या क्या है।
हरड़ मुख्यतः दो प्रकार की होती है, एक बड़ी हरड़ और एक छोटी हरड़। दोनों ही प्रकार की हरड़ एक ही पेड़ पर उगती है। फर्क सिर्फ इतना है कि बड़ी हरड़ में गुठली होती है अथवा छोटी हरड़ में गुठली नहीं होती है। दरअसल छोटी हरड़ को फल में गुठली आने से पहले ही तोड़ कर सुखा लिया जाता है जबकि बड़ी हरड़ पूरा पका हुआ फल है जिसके अंदर गुठली होती है। औषधीय गुणों के अनुसार छोटी हरड़ को ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है।
हरड़ में कई प्रकार के पोषक तत्व जैसे विटामिन, प्रोटीन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, आयरन, कॉपर, एंटीबायोटिक और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। हरड़ का उपयोग करने से आंखों की थकान और जलन दूर हो सकती है। इसे रात भर पानी में भिगोकर रखें फिर सुबह उस पानी को छानकर उस से आंखों को धो ले ऐसा करने पर आंखों को ठंडक मिलती है। डैंड्रफ होने पर भी हरड़ के इस्तेमाल से राहत मिलती है। गम स्वेलिंग और दांतो से जुड़ी अन्य समस्याओं में हरड़ का चूर्ण दांतों पर इस्तेमाल करने से फायदा मिलता है।
भोजन के बाद पाचन क्रिया सुधारने के लिए भी हरड़ का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह इसमें काफी फायदेमंद होती है। पाचन क्रिया अच्छी करने के लिए, एक चम्मच हरड़ के चूर्ण को मिश्री के साथ भोजन खाने के बाद खाना चाहिए इससे पाचन क्रिया अच्छी हो जाएगी। इसके साथ ही घबराहट और उल्टी में भी हरड़ के चूर्ण का सेवन शहद के साथ करने से राहत मिलती है।
हरड़ में हीलिंग प्रॉपर्टी भी होती है। त्वचा के छोटे-मोटे घावों पर हरड़ का पेस्ट इस्तेमाल करने से घाव जल्दी ही भर जाते हैं। हरड़ को चंदन के साथ घिसकर इसका पेस्ट बनाकर आंखों के नीचे काले घेरे पर लगाने से, आंखों के नीचे हुए काले घेरे कम हो जाते हैं, और त्वचा एक जैसी रंगत की दिखाई देती है। बालों के लिए भी हरड़ अत्यंत फायदेमंद होती है। प्रसिद्ध आयुर्वेदिक दवाई त्रिफला में बिभीतकी और आंवले के साथ तीसरा फल हरड़ ही होती है।
जहां एक ओर हरड़ के इतने फायदे हैं वहीं दूसरी और इसके कुछ नुकसान भी है। हर औषधि की तरह इसे खाने का समय और तरीका इसके फायदे और नुकसान तय करता है। हरड़ गर्म तासीर की होती है इसलिए गर्भावस्था के दौरान इसे ना खाने की सलाह दी जाती है। कमजोर शरीर के लोगों को भी हरड़ का सेवन करने से बचना चाहिए। इसके साथ ही गर्मी के मौसम में भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

हरड़ के फायदे (Benefits of Harad in hindi) –
- हरड़ के पानी से आंखों को धोने पर आंखों को ठंडक मिलती है।
- डैंड्रफ होने पर भी हरड़ का इस्तेमाल करने से राहत मिलती है।
- गम स्वेलिंग और दांतो से जुड़ी परेशानियों के लिए हरड़ को दातों पर मंजन करने से फायदा मिलता है।
- हरड़ का सेवन करने से पाचन क्रिया अच्छी रहती है।
- जी मिचलाना, घबराहट होना, और उल्टी जैसा लगने पर हरड़ के चूर्ण का शहद के साथ सेवन करने से राहत मिलती है।
- छोटे-मोटे घाव पर हरड़ का पेस्ट लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं।
- हरड़ और चंदन के पेस्ट को डार्क सर्कल पर इस्तेमाल करने से डार्क सर्कल कम हो जाते हैं और त्वचा की रंगत साफ हो जाती है।
- हरड़ का इस्तेमाल बालों पर करने से बाल मजबूत होते हैं।
हरड़ खाने के नुकसान (Side effects of Harad in hindi) –
- एलर्जीक लोगों को जाहिरी तौर पर हरड़ का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- हरड़ का इस्तेमाल गर्भवती महिलाओं को भी नहीं करना चाहिए।
- हरड़ की तासीर गर्म होती है इसलिए गर्मी की ऋतु में इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- कमजोर शरीर के लोगों को भी हरड़ का सेवन करने से बचना चाहिए।
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हरड़ से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवाल –
हरड़ कैसे खाए?
हरड़ खाने का तरीका इस बात पर निर्भर करता है कि आपको यह किस फायदे के लिए इस्तेमाल करना है।
हरड़ में कौन सा विटामिन पाया जाता है?
हरड़ में मुख्य रूप से विटामिन सी पाया जाता है।
हरड़ की तासीर क्या होती है?
हरड़ की तासीर गर्म होती है।
हरड़ का सेवन कब नहीं करना चाहिए?
गर्भावस्था के दौरान हरड़ का सेवन करने से बचना चाहिए।
ज़रूरी सूचना – इस लेख में सारी जानकारी तथ्यों के आधार पर दी गयी है, अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श ले। यह पेज इस जानकारी के लिए किसी भी ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।